AMIT MATHUR
Mar 19, 2009
साईं आस के विषय में दो शब्द
श्रीसाईं द्वारकामाई में रात के समय अपनी जेब से सिक्को को निकालते और अपने भक्तो के नाम लेकर उनके लिए धनराशि अलग-अलग करते। श्रीसाईं की ये लीला शायद परोक्ष रूप से उन भक्तो को अर्थ लाभ पहुंचाने की रही होगी मगर 'साईं आस' में आज भी हमारा ये विश्वास है की बाबा द्वारकामाई में बैठकर हमारे अच्छे जीवन यापन के लिए अपना खजाना लुटा रहे हैं। ऐसे करुणावतार श्रीसाईं की एक लीला ही है नॉएडा स्थित 'साईं आस'।
'साईं आस' श्रीसाईं महाराज से आस बाँधने वाले भक्तो का एक समूह है। आस है दया, प्रेम, करुणा और अध्यात्मिक उत्थान की। आस है की श्रीसाईं सदा सर्वदा हमें अपने चरणों में स्थान देंगे और हमारे भटके हुए मन और जीवन को अपने चरणों की ओर लगाकर इस आपाधापी भरे समय में शान्ति और मुस्कान का आशीर्वाद देंगे। बाबा की दिव्य प्रेरणा से ही हमें पता चलता है की 'दान' देने वाले से महान वो है जो 'दान' ले रहा है. बाबा ने कहा है पूर्व जन्म के ऋणानुबन्ध ही हैं जिसके फलस्वरूप कोई व्यक्ति किसी के संपर्क में आता है. अतः जो हम दे रहे हैं अवश्य ही पूर्व के किसी जन्म में वो हमने लिया है.
वर्ष 2006 में दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले और शेयर ब्रोकर का कार्य करने वाले श्री अलोक मिश्रा जी को बाबा की दिव्य प्रेरणा से एक सामाजिक संस्था बनाने का विचार आया जो पूरी तरह से बाबा पर आश्रित होकर कार्य करे और जिसका मुख्य ध्येय 'दान' हो। श्रीसाईं स्वर साधक श्री अलोक मिश्रा श्रीसाईं संध्याओं के द्वारा सामाजिक कार्यो के लिए धनराशि एकत्र कर रहे हैं। स्टार प्लुस और एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित 'साईबाबा' धारावाहिक में मुख्य भूमिका कर रहे मुकुल नाग जी के शब्दों में "श्रीसाईं ने जितना सुरीला कंठ उन्हें दिया है उतने ही नेक विचार भी हैं. बाबा इन पर अपनी कृपा बनाय रखें."
साईं आस: सामाजिक क्षेत्र में श्रीसाईंनाथ महाराज के आशीर्वाद और श्री अलोक मिश्रा और साईं आस के सदस्यों के प्रयासों से वर्ष 2006 में गठित साईं आस का मुख्य ध्येय और अगाध श्रद्धा श्रीसाईं संतानों की सेवा करना और आर्थिक व सामाजिक रूप से अक्षम लोगो तक श्रीसाईं कृपा पहुँचाना है।
१। वर्ष 2007 में साईं आस ने दो कन्यायो के विवाह का खर्च उठाया और उनके सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए घर का ज़रूरी सामान और 5100-5100 रूपए की राशि भेंट स्वरुप दी. आज बाबा की कृपा से दोनों अपने-अपने पारिवारिक जीवन में सुखी हैं।
२। वर्ष 2008 में साईं आस के दूसरे वार्षिकोत्सव पर ग्यारह महिलाओं को उनके जीवन यापन के लिए सिलाई मशीन और पांच शारीरिक रूप से विकलांग साईं संतानों को साईकिल भेंट दी. इन सभी ने बाबा को धन्यवाद दिया और आज अपना जीवन बाबा की कृपा छाया में सुख से व्यतीत कर रहे हैं. इसी वर्ष पैरो से लाचार एक तेरह साल की साईं बिटिया का आपरेशन साईं आस और कुछ सहयोगी संस्थाओं ने करवाया. इसमें साईं आस की ओर से चालीस हज़ार की धनराशि उपलब्ध करवाई गयी।
३। वर्ष 2009 में साईं आस ने अपने तीसरे वार्षिकोत्सव पर पंद्रह साइकिलों का वितरण किया जो विभिन्न साईं भक्तो के सहयोग से संपन्न हुआ. फरवरी 2009 में एक साईं बेटे के बोनमार्रो के ऑपरेशन के लिए साईं आस ने विभिन्न साईं संध्याओ के द्वारा लगभग दो लाख चालीस हज़ार की धनराशि उपलब्ध करवाई.
साईं आस की नित्य सेवाएं:
१। श्रीसाईं मंदिर, सेक्टर 15, नॉएडा पर प्रत्येक गुरुवार श्रीसाईं रसोई का आयोजन।
२। चार छात्रो की विद्यार्जन की फीस भर चुकी साईं आस ने अभी एक छात्र की स्कूल फीस देने का कार्य आरम्भ किया है।
३। साईं आस के सदस्य और श्री अलोक मिश्रा जी साईं भजन संध्याओं के द्वारा बाबा के इस पावन कार्य के लिए द्रव्योपार्जन कर रहे हैं। साईं आस पर बाबा की ये कृपा बनी रहे और बाबा हमें सेवा का मौका देते रहे यहीं करुणानिधान से प्रार्थना है. -